भारत की जानी-मानी आईवियर कंपनी Lenskart के IPO को जबरदस्त रिस्पॉन्स मिला है। 31 अक्टूबर को खुला यह 7,278 करोड़ रुपये का IPO पहले ही दिन पूरे सब्सक्रिप्शन के साथ सुर्खियों में आ गया।
ग्रे मार्केट में भी इस IPO को लेकर काफी उत्साह है। GMP (Grey Market Premium) 20% से अधिक का प्रीमियम दिखा रहा है, जो बताता है कि निवेशक लिस्टिंग गेन को लेकर आशावादी हैं।
पहले दिन का सब्सक्रिप्शन स्टेटस
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के आंकड़ों के मुताबिक, IPO को पहले दिन 1.13 गुना सब्सक्रिप्शन मिला।
- रिटेल कैटेगरी: 1.13 गुना सब्सक्राइब
- QIBs (Qualified Institutional Buyers): 142% सब्सक्रिप्शन
- NIIs (Non-Institutional Investors): सिर्फ 41% तक ही आवेदन
Lenskart IPO की मुख्य बातें
| Feature | Details |
|---|---|
| इश्यू साइज | ₹7,278 करोड़ |
| फ्रेश इश्यू | ₹2,150 करोड़ |
| OFS | 12.75 करोड़ शेयर |
| प्राइस बैंड | ₹382 – ₹402 प्रति शेयर |
| लॉट साइज | 37 शेयर |
| न्यूनतम निवेश | ₹14,874 |
| ओपनिंग डेट | 31 अक्टूबर 2025 |
| क्लोजिंग डेट | 2 नवंबर 2025 |
| अलॉटमेंट डेट | 5 नवंबर 2025 (अनुमानित) |
| लिस्टिंग डेट | 10 नवंबर 2025 (अनुमानित) |
GMP में उछाल – क्या मिलता है संकेत?
अनलिस्टेड मार्केट से मिली जानकारी के अनुसार, GMP 20.15% तक पहुंच गया है, जो एक दिन पहले मात्र 11.94% था। यह इस बात का संकेत है कि IPO के प्रति मार्केट में अच्छा उत्साह है और लिस्टिंग पर प्रीमियम मिलने की संभावना ज्यादा है।
एक्सपर्ट्स की राय: देंखे कौन क्या कहता है
1. श्रवण शेट्टी, मैनेजिंग डायरेक्टर, Primus Partners
“Lenskart का ओमनी-चैनल मॉडल, ब्रांड स्ट्रेंथ और इंटरनेशनल एक्सपैंशन इसे काफी यूनिक बनाते हैं। GMP की मजबूती बताती है कि मार्केट इसे सिर्फ रिटेल कंपनी नहीं, बल्कि टेक-ड्रिवन ग्रोथ स्टोरी के तौर पर देख रहा है।”
2. सिद्धार्थ मौर्य, Founder, Vibhavangal Anukoolkara
“भारत का आईवियर मार्केट अभी भी अंडर-डेवलप्ड है जिसमें बहुत ग्रोथ की संभावना है। लेकिन लेंसकार्ट को प्रॉफिटेबिलिटी साबित करनी होगी और कॉस्ट मैनेजमेंट चैलेंज रहेगा।”
3. शिवानी न्याती, हेड ऑफ वेल्थ, Swastika Investmart
“Lenskart की फ़ाउंडेशन मजबूत है, लेकिन वैल्यूएशन काफी स्ट्रेच्ड है। इसलिए हमने इस IPO को ‘न्यूट्रल’ रेटिंग दी है।”
वैल्यूएशन बनाम प्रॉफिटेबिलिटी: क्या करना चाहिए निवेशकों को?
- कंपनी का P/E रेशियो लगभग 230 है, जो इंडस्ट्री एवरेज से काफी ज्यादा है।
- CEO पियूषण बंसल के अनुसार, कंपनी का फोकस EBITDA CAGR को 90% रखने और स्थायी ग्रोथ पर है।
ये बातें सोचने पर मजबूर कर सकती हैं कि क्या कंपनी मौजूदा हाई वैल्यूएशन को जस्टिफाई कर पाएगी?
क्या लगाना चाहिए आपको दांव?
- अगर आप लिस्टिंग गेन के लिए निवेश कर रहे हैं तो GMP और मार्केट सेंटिमेंट आपकी तरफ हैं।
- लंबी अवधि के निवेशक कंपनी के प्रॉफिटेबिलिटी ट्रैक और बिज़नेस मॉडल पर नज़र रखें।
सलाह:
- हाई वैल्यूएशन और प्रॉफिटेबिलिटी जैसी चुनौतियों के कारण कैलकुलेटेड रिस्क लेना ही समझदारी होगी।
- “इंवेस्ट करें या न करें” यह फैसला आपके निवेश लक्ष्य और जोखिम क्षमता पर निर्भर करेगा।








