डोनाल्ड ट्रंप ने वो कर डाला है जो वो सालों से बोलते आ रहे थे कि हम ये नहीं करेंगे — जानकारी के लिए बता दें की अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर सीधा हमला कर दिया है। अमेरिका ने ये हमला इज़राइल के साथ मिलकर किया है।
ट्रंप हमेशा कहते ये कहते रहे हैं कि वो किसी बड़े विदेशी झगड़े में नहीं फँसेंगे। लेकिन अब, उन्होंने खुद ही जंग में कदम रख दिया हैं।
इस हमले के बाद अब क्या हो सकता है?
इस हमले के बाद ईरान गुस्से में पलटवार कर सकता है। कुछ बड़े खतरे ये हो सकते हैं:
- इस हमले के बाद ईरान तेल सप्लाई का सबसे अहम रास्ता — Strait of Hormuz — बंद कर सकता है।
- मिडिल ईस्ट में अमेरिकी बेस और उसके दोस्तों पर हमला हो सकता है।
- इज़राइल पर और ज़्यादा मिसाइलें चल सकती हैं।
- ईरान अपने छुपे हुए गुटों से दुनियाभर में हमले करवा सकता है।
इससे मामला बहुत बड़ा बन सकता है — ऐसा झगड़ा जिसमें सालों लग जाएँ। और ये सब कुछ ट्रंप की उस बात के उल्टा है, जिसमें वो कहते थे कि अमेरिका को “बेवकूफी वाली जंगों” से दूर रहना चाहिए।
ईरान का अगला कदम?
एक्सपर्ट बताते हैं:
“ईरान की मिलिट्री कमजोर ज़रूर हुई है, लेकिन उनके पास बहुत सारे चालाक और indirect तरीक़े हैं पलटवार के। ये झगड़ा जल्दी खत्म नहीं होगा।”
हमले से पहले ट्रंप कभी धमकी दे रहे थे, कभी समझौते की बात कर रहे थे। पर जैसे ही उन्हें लगा कि ईरान डील नहीं करना चाहता, उन्होंने बमबारी का ऑर्डर दे दिया।
क्या ईरान का परमाणु खतरा खत्म हो गया?
ट्रंप कह रहे हैं कि हमला “बहुत कामयाब” रहा। उन्होंने बंकर फोड़ने वाले बम का इस्तेमाल किया।
लेकिन एक्सपर्ट कह रहे हैं कि:
- ईरान का प्रोग्राम थोड़े साल पीछे ज़रूर चला गया है,
- पर वो खत्म नहीं हुआ।
E.g. Arms Control Association का कहना है:
“हमला करने से ईरान को लग सकता है कि अब तो परमाणु हथियार बनाना ज़रूरी है। क्योंकि अमेरिका डिप्लोमैसी में दिलचस्पी नहीं दिखा रहा।”
ईरान क्या करेगा अब?
एक प्रोफेसर ने बताया:
- ईरान अमेरिका और इज़राइल के कमज़ोर टारगेट्स को निशाना बना सकता है — चाहे मिडिल ईस्ट में हों या कहीं और।
- लेकिन एक रास्ता ये भी है कि वो बातचीत की टेबल पर लौट आए — पर इस बार कमज़ोर पोजीशन में।
वैसे अभी के मूड से तो लग नहीं रहा कि ईरान झुकने वाला है। उन्होंने बोला:
“हम अपना नेशनल प्रोजेक्ट नहीं रोकेंगे। अब हर अमेरिकी और उसके सैनिक हमारे टारगेट हैं।”
एक और एक्सपर्ट ने लिखा:
“ट्रंप को लगता है अब शांति का समय है। पर ईरान ऐसा नहीं सोच रहा। ये शायद इस 46 साल पुराने झगड़े का नया चैप्टर है।”
ट्रंप ‘Regime Change’ चाहते हैं?
अब कुछ लोग सोच रहे हैं — ट्रंप कहीं ईरान की सरकार ही न पलटना चाहें?
अगर ईरान कुछ बड़ा पलटवार करता है, तो हो सकता है ट्रंप को लगे कि अब इस सरकार को हटाना ही पड़ेगा। और यही सबसे बड़ा खतरा है।
एक एक्सपर्ट ने कहा:
“Middle East में पहले भी अमेरिका ने बहुत कोशिशें की, और हर बार मुंह की खाई। इस बार भी संभल कर चलना होगा।”
दूसरे बोले:
- अगर ईरान को लगा कि उनकी सरकार खतरे में है, तो वो बहुत बड़ा बदला ले सकते हैं।
- लेकिन उन्हें ये भी देखना होगा कि इससे चीन को भी नुकसान होगा — जो उनका दोस्त है।
अमेरिका के अंदर भी बवाल
ट्रंप को अब अमेरिका में ही कड़ा विरोध झेलना पड़ रहा है:
- डेमोक्रेट्स तो उनके खिलाफ हैं ही।
- उनके अपने रिपब्लिकन सपोर्टर — जो जंग के खिलाफ हैं — वो भी नाखुश हैं।
पहले टर्म में ट्रंप किसी बड़ी इंटरनेशनल क्राइसिस से बच गए थे। पर अब, दूसरे टर्म की सिर्फ़ 6 महीने में ही जंग में कूद गए हैं।
ट्रंप ने चुनाव में कहा था:
- “मैं यूक्रेन और गाज़ा वाले झगड़े जल्द खत्म करूंगा।”
पर अब वो खुद ही एक और नया मोर्चा खोल बैठे हैं।
एक और एक्सपर्ट बोले:
“अब ट्रंप फिर से जंग के धंधे में लौट आए हैं। शायद रूस, ईरान और चीन को कभी यकीन ही नहीं था कि वो सच्चे में शांति चाहते हैं।”