साउथ सुपरस्टार राम चरण की बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘गेम चेंजर’ आखिरकार सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। 450 करोड़ के भारी-भरकम बजट में बनी यह फिल्म, डायरेक्टर एस शंकर की एक और भव्य प्रस्तुति है। फिल्म राजनीति और भ्रष्टाचार के इर्द-गिर्द घूमती है और इसमें मनोरंजन का तड़का लगाने की पूरी कोशिश की गई है। लेकिन क्या यह फिल्म सच में “गेम चेंजर” साबित हो पाई है? आइए, जानते हैं लाइव रिव्यू के साथ।
शानदार ओपनिंग या साधारण शुरुआत?
फिल्म की शुरुआत एक पावरफुल एंट्री सीन के साथ होती है, जिसमें राम चरण का करिश्माई अवतार दर्शकों का ध्यान खींचता है। इसके बाद, फिल्म में एक लंबा एक्शन सीन और एक गाना आता है, जो शंकर की फिल्मों का ट्रेडमार्क बन चुका है। कहानी का आधार भ्रष्टाचार और राजनीति के बीच संघर्ष पर टिका हुआ है, लेकिन शुरुआती दृश्यों में कोई नई बात नजर नहीं आती।
एस जे सूर्या का दमदार परफॉर्मेंस
फिल्म में एस जे सूर्या सीएम के बेटे के किरदार में हैं और हर सीन में अपनी मौजूदगी का अहसास कराते हैं। उनकी एक्टिंग इतनी प्रभावशाली है कि वे बाकी कलाकारों पर भारी पड़ते हैं। सूर्या का किरदार दर्शकों को बांधे रखने में कामयाब है और उनकी स्क्रीन प्रेजेंस फिल्म का मुख्य आकर्षण बनती है।
राम चरण और कियारा का प्रदर्शन
राम चरण ने फिल्म में एक नेता का किरदार निभाया है, जो ईमानदारी और न्याय के लिए लड़ाई लड़ता है। उनकी एक्टिंग अच्छी है, लेकिन उनके किरदार में वह गहराई नहीं दिखती, जो दर्शकों को पूरी तरह से बांध सके।
कियारा आडवाणी, जो फिल्म में मुख्य महिला किरदार निभा रही हैं, ने ठीक-ठाक प्रदर्शन किया है। हालांकि, उनका किरदार कहानी में बहुत ज्यादा योगदान नहीं देता।
फ्लैशबैक: कहानी का सबसे मजबूत हिस्सा
फिल्म का फ्लैशबैक सीक्वेंस, जिसमें राजनीति और आंदोलन की कहानी दिखाई गई है, सबसे दमदार हिस्सों में से एक है। यह आधा घंटा दर्शकों को भावनात्मक और सिनेमाई रूप से बांधकर रखता है। लेकिन इसके बाद कहानी फिर से सामान्य ट्रैक पर लौट आती है।
संगीत और विजुअल इफेक्ट्स
450 करोड़ के बजट वाली इस फिल्म के गानों पर काफी पैसा खर्च किया गया है, लेकिन इनमें से ज्यादातर गाने दर्शकों पर असर छोड़ने में नाकाम रहे हैं।
- जगरबंदी गाना ठीक-ठाक है, लेकिन बाकी गाने औसत ही हैं।
- विजुअल इफेक्ट्स और भव्य सेट्स फिल्म को एक ग्रैंड लुक देते हैं, लेकिन इनका उपयोग कहानी में गहराई जोड़ने के बजाय केवल शोपीस के रूप में किया गया है।
डायरेक्टर शंकर की कोशिशें
एस शंकर, जो अपनी फिल्मों में सामाजिक मुद्दों और भव्यता को जोड़ने के लिए जाने जाते हैं, ने इस बार अपनी पुरानी फिल्मों की झलक पेश की है।
- फिल्म में ‘शिवाजी’ और ‘अन्नियन’ जैसी फिल्मों के एलिमेंट्स नजर आते हैं।
- हालांकि, यह नया कॉकटेल दर्शकों को बहुत ज्यादा प्रभावित करने में असफल रहा है।
रेटिंग और निष्कर्ष
‘गेम चेंजर’ में भ्रष्टाचार और राजनीति जैसे मुद्दों को भव्यता के साथ पेश किया गया है, लेकिन यह फिल्म दर्शकों को लंबे समय तक बांधने में नाकाम रहती है। दमदार अभिनय और भव्य सेट्स के बावजूद कहानी और संगीत कमजोर साबित होते हैं।
रेटिंग: 2/5 स्टार
क्या देखें?
- अगर आप राम चरण या एस जे सूर्या के फैन हैं तो एक बार देख सकते हैं।
- फिल्म भव्य जरूर है, लेकिन इसमें “गेम चेंजर” जैसा कोई फैक्टर नजर नहीं आता।
तो क्या आपने ‘गेम चेंजर’ देखी? हमें बताएं कि फिल्म आपके लिए कितनी गेम चेंजिंग साबित हुई!