Islamabad/Rawalpindi News Update (10 अक्टूबर 2025): पाकिस्तान में एक बार फिर तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) के हिंसक विरोध प्रदर्शन ने हालात बिगाड़ दिए हैं। राजधानी इस्लामाबाद और रावलपिंडी में शुक्रवार को सुरक्षा कारणों से इंटरनेट और मोबाइल सर्विस पूरी तरह बंद कर दी गई हैं। सरकार ने शहर के सभी एंट्री और एग्जिट पॉइंट्स सील कर दिए हैं, जबकि कई इलाकों में पुलिस और अर्धसैनिक बलों की भारी तैनाती की गई है।
TLP Protest: हिंसा की शुरुआत कैसे हुई
TLP ने शुक्रवार को अमेरिकी दूतावास के बाहर इजरायल विरोधी प्रदर्शन की घोषणा की थी। इस प्रदर्शन से पहले ही पंजाब पुलिस ने इसके प्रमुख साद हुसैन रिजवी को गिरफ्तार करने के लिए लाहौर स्थित पार्टी मुख्यालय पर छापा मारा।लेकिन यह कार्रवाई हिंसक झड़पों में बदल गई।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार:
“कई घंटों तक चली झड़पों में पांच पुलिसकर्मी और कई TLP कार्यकर्ता घायल हुए हैं।”
वहीं, TLP का दावा है कि पुलिस की कार्रवाई में एक कार्यकर्ता की मौत हो गई और 20 से ज्यादा घायल हुए हैं।
लाहौर और पंजाब में बढ़ता तनाव
पुलिस के अनुसार, जब गिरफ्तारी वारंट की तामील के लिए टीम यतीम खाना चौक स्थित TLP हेडक्वार्टर पहुंची, तो कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर पत्थरबाजी और लोहे की छड़ों से हमला कर दिया।स्थिति बेकाबू होने पर पुलिस को पीछे हटना पड़ा और पूरे इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई।
क्षेत्र | स्थिति | प्रशासनिक कार्रवाई |
---|---|---|
इस्लामाबाद | सभी रास्ते सील, इंटरनेट बंद | अतिरिक्त पुलिस फोर्स तैनात |
रावलपिंडी | मोबाइल सर्विस बंद | एंट्री प्वाइंट्स पर नाके |
लाहौर | झड़पें जारी | रेंजर्स तैनाती पर विचार |
पंजाब सरकार की तैयारी और सुरक्षा व्यवस्था
अधिकारियों ने बताया कि पंजाब सरकार रेंजर्स की तैनाती पर विचार कर रही है ताकि स्थिति नियंत्रण में रहे।पुलिस का कहना है कि अब तक साद हुसैन रिजवी गिरफ्तारी से बच रहे हैं, लेकिन उनके ठिकानों पर लगातार नज़र रखी जा रही है।
एक अधिकारी ने कहा –
“धार्मिक दलों के प्रदर्शन में आमतौर पर रेंजर्स पर हमले नहीं होते, इसलिए उन्हें तैनात करना सुरक्षित रहेगा।”
TLP का बयान: “सरकार ने शांतिपूर्ण मार्च को रोका”
TLP प्रवक्ता ने सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा –
“मरियम नवाज़ की सरकार ने शांतिपूर्ण ‘लब्बैक या अक्सा मिलियन मार्च’ को रोकने के लिए दमनकारी कदम उठाए हैं। निहत्थे कार्यकर्ताओं पर अत्याचार बंद होने चाहिए।”
उन्होंने आगे कहा कि कई कार्यकर्ताओं को ग़ैरकानूनी तरीके से हिरासत में लिया गया है।प्रवक्ता ने यह भी जोड़ा –
“गाज़ा में मुसलमानों पर अत्याचार किया जा रहा है, और पाकिस्तान में उन्हीं के समर्थकों पर ज़ुल्म हो रहा है।”
स्थिति का ताज़ा अपडेट
बिंदु | विवरण |
---|---|
प्रदर्शन का कारण | इजरायल के खिलाफ विरोध |
प्रमुख आरोपी | साद हुसैन रिजवी |
मृतक/घायल | 1 कार्यकर्ता मृत, 20 से अधिक घायल (TLP का दावा) |
पुलिसकर्मी घायल | 5 |
इंटरनेट स्थिति | इस्लामाबाद और रावलपिंडी में बंद |
सुरक्षा बल | पुलिस और अर्धसैनिक रेंजर्स की तैनाती |
निष्कर्ष
पाकिस्तान में तहरीक-ए-लब्बैक जैसे कट्टरपंथी संगठनों के बढ़ते प्रभाव से कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।जहां सरकार देश में स्थिरता बनाए रखने की कोशिश कर रही है, वहीं धार्मिक संगठनों के ऐसे हिंसक विरोध प्रदर्शन पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय छवि दोनों पर गहरा असर डाल रहे हैं।